NEELAM GUPTA

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लेखनी कहानी -15-Feb-2022 शिक्षा को व्यापार ना बनाएं

शिक्षा या व्यापार।


मीरा...गीता अबकी बार तुम्हारा रिजल्ट कैसा आया है।


गीता...बहुत अच्छा मैं अपने स्कूल में सेकंड आई हूं। और मीरा तुम बताओ तुम्हारा कैसा आया है। ।


मीरा….मैं भी अपनी स्कूल में कहने को फर्स्ट आई हूं ,लेकिन परसेंटेज तो हमेशा तुमसे कम रहती है। 


गीता….इसमें क्या है यह तो उतार-चढ़ाव जिंदगी के हैं कभी तुम्हारे ज्यादा कभी मेरे कम ऐसे तो चलता ही रहता है ।


मीरा….नहीं यार सरकारी स्कूल में इतनी अच्छी पढ़ाई कहां होती है जितनी प्राइवेट स्कूल में होती है। यदि सभी स्कूल के विभागों में पढ़ाई को उच्च स्तर पर रखा जाए तो ,सभी बच्चे मन से पढ़ाई कर सकते और आगे बढ़ सकते हैं।


गीता...ऐसा नहीं है यदि हम मेहनत करेंगे तो दोनों ही जगह अच्छे मार्क्स पा सकेंगे।

चल यार अब क्या करने का सोचा है  अब हम ट्वेल्थ में आ गए हैं ।अपने भविष्य का भी सोचना है ।मैं तो डॉक्टर बनना चाहती हूं ।


मीरा….और मैं भी ,लेकिन ये सब कैसे होगा। हमें नीट की परीक्षा के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।


गीता...हां यार मैं तो कोचिंग लूंगी ।


मीरा...इसके लिए तेरा बढ़िया है तेरे पापा के पास तो बहुत पैसे हैं मैं तेरी कोचिंग करा देंगे ।लेकिन मैं घर में रहकर ही तैयारी कर पाऊंगी।

क्योंकि कोचिंग कितनी महंगी है वहां हम गरीब इसका का तो सोच भी नहीं सकते। सिर्फ अपनी मेहनत के बलबूते पर पर ही आगे बढ़ सकते हैं लेकिन तुम अपनी मेहनत के साथ साथ कोचिंग करोगी तो तुम्हारा नंबर जरूर आ जाएगा।


गीता...हां यार यह कोचिंग वाले बहुत पैसे लेते हैं लेकिन मजबूरी है ।बिना कोचिंग के पढ़ाई नहीं होती उसके लिए चाहे कितने भी कोचिंग वाले पैसे ले,  देने  पड़ेगे। शुक्र है मेरे पापा का बिजनेस बहुत अच्छा है ।और मैं कोचिंग ले सकती हूं। वैसे तो कोचिंग सेंटर आजकल पैसे लूटने का व्यापार बन गए हैं ।इतनी महंगी  फीस लेते हैं ,हर क्लास की और बच्चे भी इतने सारे सारे होते हैं  ।लेकिन मजबूरी है, आजकल कंपटीशन इतना है कि बिना कोचिंग के गुजारा भी नहीं।


मीरा….बिल्कुल सही कहा तभी तो कम कमाई वालो बच्चो  होशियार हो तो भी कंपटीशन में नंबर नहीं आ पाता ।और हम कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन कोचिंग के बच्चों के आगे पीछे ही रह जाते हैं ।पहले शिक्षक बढिया थे , सभी को एक जैसा पढ़ाया जाता था और शिक्षक पढ़ाई के पैसे भी नहीं लेते थे ।वह पढ़ाई को व्यापार नहीं बनाते थे उनके लिए शिक्षा देना,  धर्म का कार्य होता था।लेकिन अब तो बाजार में शिक्षा पैसों के भाव बिकती है। जिसने जितना मोल लगाया उतनी ही शिक्षा उसको प्राप्त होती है।


गीता...नहीं यार शिक्षक की कमी नहीं है। महंगाई भी इतनी हो गई है। क्या करें लेकिन कुछ शिक्षक तो अभी फ्री में क्लासेस देते हैं ।जो बच्चे होशियार हैं, उनको आगे बढ़ाने का प्रोत्साहन देते हैं। हमारे कोचिंग सेंटर में भी शायद गरीबों के लिए सीटें हैं मैं पता करूंगी ।


कुछ दिनों बाद गीता ने मेरा को बताया कि हमारी कोचिंग सेंटर में 10% बिना फीस के बच्चों को पढ़ाया जाता है उसके लिए वह एक टेस्ट लेते हैं यदि बच्चे का टेस्ट क्लियर कर लेते हैं तो उनसे फीस नहीं ली जाती तुम भी अपना नाम उसमें लिखवा दो यदि तुम होशियार तो हो ही टेस्ट क्लियर कर लोगी और तुम्हें भी कोचिंग का फायदा मिलेगा।


मीरा ने खूब मेहनत की टेस्ट क्लियर कर लिया इस प्रकार है कोचिंग में फ्री कोचिंग ले पाई। और दोनों ने नेट की परीक्षा दी ।और दोनों ही नीट की  परीक्षा में सफल हो गई और उनका मेडिकल में दाखिला हो गया।


यदि कुछ शिक्षण प्रौद्योगिकी इस बात का ध्यान रखें कि सभी बच्चों को आगे बढ़ाना है तो है उनकी मदद कर सकते हैं ।बिना फीस लिए कुछ बच्चों को कोचिंग दे सकते हैं ।जो बच्चे फीस दे सकते हैं उनसे ले लेकिन जो बच्चे होशियार हैं और फीस नहीं अदा कर सकते ।उन्हें कृपा कर मुफ्त में शिक्षा प्रदान करें ।


शिक्षा देना एक धर्म का कार्य है अपने देश को विकास की ओर अग्रसर करना है  यह बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं  हमारे देश की उन्नति इनके हाथों में है ।शिक्षा को शिक्षा ही रहने दें शिक्षा को व्यापार ना बनाएं।



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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

15-Feb-2022 05:05 PM

बहुत खूबसूरत

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Simran Bhagat

15-Feb-2022 04:58 PM

Nice👌👌

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